गुहार: पिछले छह सालों से ससुराल की दहलीज को चूमने के लिए तरस रही है विक्रमपुर की बेटी मोनी

➡️दहेज के लोभ में हैवान बना पनसल्ला का आर्मी जवान और उसका परिवार
➡️महिला थाना में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद सांड की तरह छुट्टे घूम रहे हैं आरोपी
गुहार
समाचार विचार/मनीष राज/बेगूसराय: बेगूसराय की पुलिस सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर छोटी मोटी उपलब्धियों पर भले ही अपनी पीठ थपथपा ले, लेकिन संगीन मामलों में उसकी घातक चुप्पी उसके दोहरे चरित्र को सार्वजनिक कर ही देती है। डीजीपी आलोक राज की तथाकथित प्रोफेशनल पुलिसिंग की कमान थामे कुछ पुलिसकर्मियों की मनमानी और धनार्जन की प्रवृति से जहां एक तरफ संगीन मामलों के आरोपी छुट्टे सांड की तरह घूम रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पीड़िता न्याय की गुहार लगाते लगाते थक चुकी है। मामला चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र के विक्रमपुर गांव की विवाहिता बेटी मोनी कुमारी का है, जिसके द्वारा दिए गए आवेदन के आलोक में महिला थाना ने प्राथमिकी दर्ज करने की खानापूर्ति तो जरूर कर ली है, लेकिन प्रभावी कार्रवाई करने की दिशा में वह खबर लिखे जाने तक निष्प्रभावी ही साबित हुई है। आइए, अब जानते हैं पूरा मामला क्या है!
2018 में देवघर में हिंदू रीति रिवाज के साथ हुई थी मोनी और प्रियदर्शन की शादी
दरअसल, बेगूसराय जिले के चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र के विक्रमपुर गांव निवासी मुकेश सिंह की पुत्री मोनी की शादी मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के पनसल्ला गांव निवासी अरुण सिंह के पुत्र प्रियदर्शन कुमार के साथ हिन्दू रीति रिवाज के साथ 28 मई 2018 को देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम मंदिर में संपन्न हुई थी। मोनी के पिता ने स्वजनों और परिजनों की सहमति से वर पक्ष को नगद दस लाख रुपए, दो लाख का घरेलू उपयोग का सामान और वस्त्राभूषण के एवज में एक लाख रुपया दिया था। विवाहोपरांत हंसी खुशी के साथ मोनी अपने ससुराल चली गई लेकिन उसे क्या पता था कि अब उसके दुर्दिन की पटकथा तो पहले ही लिखी जा चुकी थी।
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दहेज के लोभ में हैवान बना पनसल्ला का आर्मी जवान और उसका परिवार
शादी के तकरीबन दस दिनों के बाद आर्मी के जवान प्रियदर्शन और उसके परिवार की हैवानियत को देखकर मोनी के पांव तले की जमीन ही खिसक गई। उस पर एक चार चक्का गाड़ी देने का दवाब दिया जाने लगा और वह मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित की जाने लगी। उसने अपने पिता को वस्तुस्थिति की जानकारी दी तो वे स्वजनों को लेकर बेटी के ससुराल पहुंचे तो उनके भी होश तब फाख्ता हो गए, जब प्रियदर्शन के पिता अरुण सिंह, सासु नीलम देवी और भैंसुर अजीत कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आपकी बेटी इस घर में इसी शर्त पर रहेगी, जब तक कि मेरे बेटे को आप एक चार चक्का वाहन नहीं देते हैं। पति प्रियदर्शन ने भी अपने परिवार की मांग का पुरजोर समर्थन करते हुए अपनी पत्नी मोनी को उसके नैहर पहुंचा दिया।
पिछले छह साल से ससुराल की दहलीज को चूमने के लिए तरस रही है विक्रमपुर की बेटी मोनी
उसके बाद से मोनी के पिता, मामा और अन्य परिजनों ने दर्जनों बार मध्यस्थता की अथक कोशिश की, लेकिन दहेज के दानव अपनी अमानवीय मांग पर अड़े रहे। इस बीच कई दफे सामाजिक पंचायत भी हुई, लेकिन वर पक्ष के लोग यह धमकी देते रहे कि अगर उन्हें चार चक्का वाहन नहीं मिलता है तो वे अपने बेटे की शादी अन्यत्र कर देंगे। अंततः छह वर्षों के बाद मोनी ने महिला थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।
अब इसे पढ़कर रूह कांप जाएगी आपकी
प्राथमिकी दर्ज कराने के उपरांत मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए पीड़िता मोनी ने समाचार विचार को बताया कि उसका पति केवल दहेज का लोभी ही नहीं, बल्कि मेरे पेट में पल रहे एक माह के मासूम का हत्यारा भी है। जब उसे पता चला कि मैं गर्भवती हूं तो उसने मेरे पेट पर जोरदार लात मारकर मेरे बच्चे की जान ले ली। दूसरी ओर उसके परिवार के सभी सदस्य अब उसकी दूसरी शादी करने की तैयारी में हैं। उसने फफकते हुए कहा कि जब मैंने महिला थानाध्यक्ष शिल्पी कुमारी को इस बात की जानकारी दी कि वह दूसरी शादी करने की फिराक में है, तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं, तब उसी प्राथमिकी में दूसरा धारा जोड़ दिया जाएगा। मोनी ने बेचैन होकर बताया कि अगर वह दूसरी शादी करने में सफल हो जाता है, तो मैं कहीं की नहीं रहूंगी। बावजूद, पुलिस अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
महिला थाना में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद सांड की तरह छुट्टे घूम रहे हैं आरोपी
दिनांक 19 नवंबर 2024 को मोनी कुमारी के लिखित आवेदन के आलोक में महिला थाना बेगूसराय की थानाध्यक्ष शिल्पी कुमारी ने 85/115(2)/127(1), 351(2)/352/3(5) BNS & 3/4 DP ACT के तहत कांड संख्या 53/24 दर्ज कर एसआई दिलीप कुमार को अनुसंधान की जिम्मेवारी सौंप दी। अब आप पुलिस की लापरवाही का आलम देखिए कि प्राथमिकी दर्ज होने के 23 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं जबकि आरोपियों के द्वारा केस उठाने अन्यथा अंजाम भुगतने की भी लगातार धमकी दी जा रही है। यहां तक कि मोनी के परिजनों के द्वारा अनुसंधान पदाधिकारी को मुख्य आरोपी प्रियदर्शन सहित अन्य आरोपी के सटीक ठिकाने की जानकारी भी दी जा रही है, लेकिन पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मोनी के परिजनों ने बताया कि सभी आरोपी खुले सांड की तरह खुलेआम घूम रहे हैं लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरकर बैठी हुई है। परिजनों ने बताया कि पुलिस की कार्यशैली से यह स्पष्ट हो गया है कि वह आरोपियों के प्रभाव में आकर मोनी को न्याय से वंचित कर आरोपियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
क्या कहते हैं सदर डीएसपी सुबोध कुमार
इस संबंध में पूछे जाने पर सदर डीएसपी सुबोध कुमार ने बताया कि प्राथमिकी में जिस थाना क्षेत्र को पीओ बनाया गया है, वहां के डीएसपी ही मामले की जांच करेंगे। हालांकि, उन्होंने कांड संख्या नोट कर इस मामले को संगीन बताते हुए अपनी तरफ से विधिसम्मत कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
क्या कहती हैं महिला थाना की थानाध्यक्ष शिल्पी कुमारी
इस संबंध में थानाध्यक्ष शिल्पी कुमारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और अनुसंधान पदाधिकारी को समुचित कार्रवाई करने हेतु निर्देशित किया गया है।
 
 

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