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माइनस तेरह डिग्री टेंपरेचर में टारगेट को एचिव करने वाले वीरपुर के अमित के कारनामे से अचंभित हैं लोग
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बीपीएससी पास कर नगर कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं अमित कुमार
समाचार विचार/बेगूसराय: बेगूसराय के लाल अमित कुमार ने वाकई कर दिया कमाल, उसने कंचनजंगा पर्वत श्रृंखला पर बेगूसराय के हौसले का झंडा गाड़कर दुनिया वालों को हतप्रभ और अचंभित कर दिया है। बचपन से पुस्तकों के पन्नों पर पर्वत श्रृंखलाओं की सुनहरी तस्वीर को देखकर अमित उसे स्पर्श करने की ख्वाहिश पाल रखा था लेकिन उसे न तो एडवेंचर का माहौल मिला और न ही स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह का प्रोत्साहन। लेकिन बीपीएससी पास करने के बाद नगर कार्यपालक पदाधिकारी बने अमित को जब यह मौका हाथ लगा तो उसने अपने बचपन के सपनों को मूर्त रूप दे दिया और हिमालय पर्वत श्रृंखला के कंचनजंगा पर राष्ट्रीय ध्वज लहरा कर बेगूसराय को गौरवान्वित कर दिया।
माइनस तेरह डिग्री टेंपरेचर में टारगेट को एचिव करने वाले वीरपुर के अमित के कारनामे से अचंभित हैं लोग
बेगूसराय के वीरपुर निवासी किसान राम बच्चन पंडित के पुत्र अमित कुमार 67 वां बीपीएससी परीक्षा पास कर नगर कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में चयनित हुए हैं। उनका प्रशिक्षण गया में चल रहा था, जहां प्रशिक्षण के दौरान ही उनका चयन एक एडवेंचर टूर पर भेजने के लिए किया गया। अमित ने बताया कि जब वे अपने गांव में पढ़ रहे थे तो भूगोल की किताब में देखा था कि बर्फ से ढंके पहाड़ पर जब सूर्य की किरण पड़ती है तो पर्वत श्रृंखला स्वर्णदीप्त हो उठता था। वह दृश्य उसके मानस पटल पर अंकित हो गया था लेकिन हसरतें कैद हो कर रह गई थी। अमित ने बताया कि 7 अप्रैल को 26 लोगों की एडवेंचर टीम सिलीगुड़ी पहुंची। सिलीगुड़ी से ट्रैक द हिमालय के गाइड के नेतृत्व में युक्सुम बेस कैंप से कंचनजंगा पर झंडा लहराने के लिए वे लोग निकल पड़े। 10 अप्रैल की रात साचेन में रुक कर अगले दिन की चढ़ाई शुरू हुई। फेदांग होते हुए दजोंगरी पहुंचा तो क्लाइमेट पूरी तरह से बदला हुआ था। विदित हो कि दजोंगरी ही वह जगह है, जहां से अधिकतर लोगों का हौसला परास्त हो जाता है। क्लाइमेट में जबरदस्त परिवर्तन और ऑक्सीजन की कमी उन्हें आगे का रास्ता रोक देती है। अमित ने बताया कि दजोंगरी में जब उनकी टीम ने कैंप लगाया तो वहां का वातावरण काफी डरावना था। मिनट दर मिनट पर वहां का वेदर चेंज होता था, कभी घनघोर बारिश तो कभी बर्फ की आंधी चलती थी। उसके कुछ साथी उल्टी और सिरदर्द से परेशान थे। ऑक्सीजन लेवल भी सपोर्ट नहीं कर रह था। फिर भी अमित ने 17 अप्रैल को पर्वत की चोटी पर पहुंचकर माइनस 13 डिग्री टेम्परेचर में टारगेट को एचिव कर लिया।
बचपन का सपना पूरा होता देख खुशी से झूम उठे अमित कुमार
अमित कुमार ने बताया कि 17 अप्रैल की सुबह जब वे कंचनजंगा की चोटी पर पहुंचे, तो सूर्योदय के समय बर्फ से ढंकी पहाड़ी को सोने जैसा चमकता देखकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनके सामने भूगोल के किताब का वह सुनहरा दृश्य तैर उठा, जो उनके ठीक सामने दिख रहा था। उन्होंने वहां तिरंगा लहराया, सेल्फी ली और वापस अपने स्थान की ओर चल पड़े। अमित ने अपने एडवेंचर एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों से कभी भी नहीं घबराना चाहिए। धैर्य और हौसला बनाए रखने से जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानियों पर फतह किया जा सकता है। उन्होंने बेगूसराय के युवाओं को संदेश देते हुए कहा है कि आप चाहे जीवन के किसी भी क्षेत्र में हों, अपने हौसले को पस्त मत होने दीजिए।
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Author: समाचार विचार
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