➡️आम जनता तो दूर सांसद-विधायकों का फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझते हैं खगड़िया डीएम
➡️स्थाई संसदीय समिति से खगड़िया डीएम के आचरण की शिकायत करेंगे राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा
समाचार विचार/खगड़िया: हाय रे सुशासन: ऑटो मोड में चल रहा है खगड़िया जिला प्रशासन का काम काजराज्य के लोक-प्रशासन के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पदों में प्रमुख स्थान जिलाधीश का होता है। एक जिलाधिकारी के रूप में वह जिले में राज्य सरकार का सर्वोच्च अधिकार संपन्न प्रतिनिधि या प्रथम लोक-सेवक होता है, जिसकी जिम्मेवारियां काफी बड़ी होती है लेकिन खगड़िया जिले के जिलाधिकारी अमित पांडेय की कार्यशैली आज चर्चा का विषय बना हुआ है। जिले के प्रबुद्ध वर्गों की मानें तो डीएम साहब ने जिला प्रशासन के काम काज को ऑटो मोड पर डाल दिया है। उनका किसी भी विभाग पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। जनहित से जुड़ी समस्याओं को लेकर उनकी निष्क्रियता की चर्चा सार्वजनिक रूप से विभिन्न चौक चौराहों पर हो रही है। इसी दौरान जनहित की आकांक्षाओं की सार्वजनिक उपेक्षा का पर्दाफाश तब हुआ जब राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने खगड़िया डीएम की जमकर क्लास ली। वार्तालाप की ऑडियो क्लिप के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उपरोक्त आरोपों की सहज रूप से पुष्टि भी हो रही है। डीएम के आचरण से आहत सांसद श्री सिन्हा ने कहा है कि वे इसकी शिकायत सरकार एवं स्थायी संसदीय समिति से करेंगे। गौरतलब हो कि राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा की छवि जनसरोकारों के प्रति गंभीर और व्यवहारकुशल राजनेता की है। खगड़िया डीएम के द्वारा उनकी की गई उपेक्षा से बुद्धिजीवियों में रोष देखा जा रहा है।
राजनीतिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने सांसद से की थी खगड़िया डीएम के द्वारा फोन नहीं उठाये जाने की शिकायत
दरअसल सोमवार को केंन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित विकास संकल्प यात्रा में शिरकत करने राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा मानसी पहुंचे थे। इसी दौरान दर्जनों महिलाओं, पुरुषों एवं सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने सांसद से शिकायत किया कि खगड़िया डीएम सरकारी मोबाइल उठाना मुनासिब नहीं समझते हैं। इसके बाद भाजपा सांसद श्री सिन्हा ने खगड़िया डीएम अमित पाण्डेय को फोन पर ही जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह से डीएम जब एक सांसद का फोन उठाना मुनासिब नहीं समझते हैं तो आम जनता का भगवान ही मालिक है। फोन रिसीव नहीं करने के बाद राज्यसभा सांसद ने डीएम को मैसेज लिखकर भेजा। तब जाकर डीएम अमित पाण्डेय ने फोन उठाया, जिसका ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। सांसद ने कहा कि जब एक सप्ताह से आप मेरा फोन नहीं उठा रहे हैं तो आम जनता का क्या उठाएंगे? सांसद ने कहा कि आपके इस आचरण के विरुद्ध क्यों नहीं सरकार एवं स्थायी संसदीय समिति से शिकायत की जाए।
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लोगों ने कहा- सुशासन की छवि में पलीता लगा रहे हैं डीएम अमित पांडेय
राज्यसभा सांसद से वार्तालाप के दौरान डीएम अमित पाण्डेय व्यस्त होने की वजह से फोन नहीं उठाने की सफाई देते रहे। सांसद ने कहा कि सरकार ने आपको जिला का मालिक बनाया है। आप अच्छे कार्य करेगें तो आपका वंदन अभिनंदन किया जाएगा किंतु आपके आचरण के संबंध में मिल रही शिकायत निंदनीय और अशोभनीय है। आपकी कार्यशैली सेवा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यहां के स्थानीय लोगों ने यह भी बताया है कि पूर्व पदस्थापित जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष के कार्यकाल में जनता काफी खुश थी लेकिन वर्तमान डीएम की कार्यशैली से पूरे जिले के लोग खफा हैं। स्थानीय लोगों ने सांसद के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की कथित सुशासन की सरकार ने जबसे खगड़िया डीएम अमित कुमार पाण्डेय को यहां पदस्थापित किया है, तब से जिला प्रशासन ऑटो मोड में संचालित हो रहा है। जदयू के एक कद्दावर नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि खगड़िया डीएम अमित पाण्डेय सरकार को बदनाम करने पर तुले हुए हैं। उनके आचरण से मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया गया है।
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Author: समाचार विचार
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