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आईएमए के बेगूसराय सेक्रेटरी डॉ. पंकज कुमार सिंह ने जिलेवासियों को दी सतर्कता बरतने की सलाह
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हीट वेव और हॉट डे की तपिश में झुलस रहा है बिहार का इंडस्ट्रियल कैपिटल बेगूसराय
समाचार विचार/बेगूसराय: अगर हम आईएमए की अपील पर ध्यान नहीं देते हैं तो इस प्रचंड गर्मी में खुद और परिवार के अन्य सदस्यों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया है कि अभी इस प्रचंड गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। नतीजन हीट वेव की स्थिति में बढ़ोतरी होने की संभावना है। बेगूसराय सहित देश के कई हिस्सों में तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। भले ही अगले तीन से चार दिनों में राहत देखने को मिल सकती है लेकिन फिलहाल हीट वेव से बचने का एकमात्र उपाय सतर्कता ही है। ऐसे में जरूरी है कि हम हीट वेव से बचाव पर ध्यान दें, वरना इसकी चपेट में आने से हम भारी आफत के शिकार भी हो सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बेगूसराय इकाई के सचिव डॉ. पंकज कुमार सिंह ने जिलेवासियों को हीट वेव से बचने के लिए कुछ कारगर टिप्स साझा किया है, जो नवजात शिशुओं से लेकर वयोवृद्ध व्यक्तियों के लिए अत्यंत जीवनोपयोगी साबित होगी।
बेवजह तेज धूप में घर से बाहर निकलने से करें परहेज
आईएमए के नव निर्वाचित सचिव डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि अगर किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हीट वेव से बचना है तो बिना जरूरी घर से बाहर नहीं निकले। घर के अंदर पंखा और कूलर भी चल रहा हो तो पर्दे या शेड्स लगाकर रहें। इससे आप घर में भी हीट वेव के गंभीर खतरों से बच सकते हैं। उन्होंने बताया कि जब भी लू चले तो सीधे तौर पर सूर्य की रोशनी से बचने का प्रयास करें। अगर किसी वजह से बाहर जा भी रहे हैं तो टोपी, गमछा, चश्मा का इस्तेमाल करना न भूलें। उन्होंने हल्के और ढीले ढाले कपड़े पहनने की सलाह देते हुए कहा कि इन दिनों लोगों को अधिक फिजिकल एक्टिविटी से बचने की कोशिश करना चाहिए क्योंकि गर्मी के मौसम में ज्यादा वर्कआउट करने से बॉडी का टेंपरेचर बढ़ सकता है, जिससे हीट स्ट्रोक के खतरे की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने यह सलाह भी देते हुए कहा कि अगर बाहर लू तेज चल रही है तो कभी भी गलती से भी खाली पेट घर से न निकलें। ऐसा करने पर गर्मी और धूप से चक्कर आ सकता है। इसलिए जब भी घर से बाहर जाएं तो कुछ खाने के बाद ही जाएं।
तरल पेय पदार्थों का भरपूर सेवन करें लेकिन अत्यधिक ठंडे, मीठे और मादक पेय पदार्थों से रहें दूर
डॉ. पंकज कुमार सिंह ने हीट वेव से बचने के टिप्स को साझा करते हुए कहा कि आप भले ही घर में हों या बाहर कितने भी सक्रिय हों, अधिक तरल पदार्थ पियें। लेकिन बहुत अधिक ठंडे, मीठे और मादक पेय पदार्थों से दूर रहें। उन्होंने बताया कि पसीना वास्तव में आपके शरीर के अधिक तरल पदार्थ को खोने का कारण बनता है। इसके अलावा बहुत ठंडे पेय पदार्थों से भी बचें, क्योंकि ये पेट में ऐंठन पैदा कर सकते हैं। पसीना शरीर से नमक और खनिजों को निकाल देता है, जिन्हें प्रतिस्थापित करने की आवश्यकता होती है। एक स्पोर्ट्स ड्रिंक आपके पसीने में खोए नमक और खनिजों की भरपाई कर सकता है। लेकिन यदि आप कम नमक वाले आहार पर हैं, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, या अन्य पुरानी चिकित्सकीय स्थितियाँ हैं, तो स्पोर्ट्स पेय पीने या नमक की गोलियाँ लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
हृदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की है जरूरत
आईएमए सेक्रेट्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने हीट वेव के दौरान हृदय रोगियों को विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि हीट वेव की वजह से बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है यानी उसमें पानी की कमी हो जाती है। यही स्थिति नर्व्स यानी धमनियों में रिसाव और स्ट्रोक का कारण बन जाती है। सांस फूलने लगता है और हार्ट पर प्रेशर बढ़ जाता है। इसलिए हार्ट पेशेंट्स को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में मिलने वाली अधिकांश सब्जियों की तासीर ठंडी होती है और ऐसी सब्जियों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। साथ ही, उन्होंने हृदय रोगियों को नियमित रूप से अपने चिकित्सक से चेक अप कराते रहने की भी सलाह दी है।
नवजात शिशुओं को हीट वेव से बचाने के लिए इन उपायों पर करें अमल
डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि गर्मी के इस प्रचंड मौसम में नवजात शिशुओं की देखभाल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि शिशुओं को गर्मी से दूर रखें और उनकी गतिविधि कम करने की कोशिश करें। शिशुओं को हल्के और सांस लेने योग्य कपड़े पहनाएं। शिशुओं को नियमित रूप से स्नान करवाएं या ठंडे फ़ेस वॉशर से स्पंज करें। इस दौरान कभी भी अधिक ठंडे पानी का इस्तेमाल न करें। शिशुओं को हाइड्रेटेड रखें। स्तनपान करने वाले शिशुओं को अतिरिक्त पानी की ज़रूरत नहीं होती।दिन में धूप से बचने के लिए हल्के रंग के पर्दे या शेड्स का इस्तेमाल करें। हवा प्रसारित करने के लिए पंखे का इस्तेमाल करें। अगर कूलर या एयर कंडीशनर नहीं है, तो बच्चे के शरीर को ठंडे नम कपड़े से ढक सकते हैं। इसके अलावा डॉ. पंकज कुमार सिंह ने यह भी सलाह दिया कि अगर मरीज को चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता हो तो उसे तुरंत चिकित्सक के पास ले जाएं ताकि उसका ससमय उपचार शुरू किया जा सके।
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Author: समाचार विचार
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