➡️राजभाषा हिन्दी में उत्कृष्ट कार्यान्वयन के लिए सम्मानित किए गए सरकारी और गैर सरकारी संस्थान
➡️बैठक में हुई राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार और उसके कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा
समाचार विचार/बेगूसराय: नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), बरौनी की दूसरी छमाही बैठक बरौनी रिफाइनरी के समन्वय में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष एवं बरौनी रिफाइनरी के कार्यकारी निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख सत्य प्रकाश ने की। इस बैठक में उप निदेशक (कार्यान्वयन), राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय,कोलकाता, से डॉ. विचित्रसेन गुप्त भी उपस्थित थे। बैठक का उद्देश्य बेगूसराय क्षेत्र के विभिन्न संस्थानों में राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार और उसके कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करना था। कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन के पश्चात मुख्य अतिथि डॉ. वी सेन गुप्ता का स्वागत और सम्मान किया गया।बैठक के दौरान बरौनी रिफाइनरी और अन्य संस्थानों द्वारा जुलाई-दिसंबर 2024 के बीच हिंदी में हुई प्रगति की प्रस्तुति दी गई। इसमें धारा 3(3), नियम 5, पत्राचार, कार्यशालाओं और तिमाही बैठकों के आयोजन समेत हिंदी के विकास की नई पहलों पर चर्चा की गई।
राजभाषा हिन्दी में उत्कृष्ट कार्यान्वयन के लिए सम्मानित किए गए सरकारी और गैर सरकारी संस्थान
इसके अलावा, संस्थानों में राजभाषा हिन्दी में उत्कृष्ट कार्यान्वयन के लिए राजभाषा शील्ड केंद्रीय विद्यालय-गढहरा, को प्रथम पुरस्कार, यूको बैंक–अंचल कार्यालय, बेगूसराय को द्वितीय पुरस्कार, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड-रिटेल क्षेत्रीय कार्यालय, बेगूसराय को तृतीय पुरस्कार, केंद्रीय औध्योगिकी सुरक्षा बल-आईओसीएल, बरौनी एवं भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड- बरौनी कार्यालय को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. वी सेन गुप्ता ने हिंदी भाषा के महत्व पर बल देते हुए इसके सतत विकास की आवश्यकता पर जोर दिया। अध्यक्ष, श्री सत्य प्रकाश ने अपने संबोधन में हिंदी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए समिति द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। आगे उन्होने कहा कि हम सभी जानते है कि राजभाषा हिन्दी को बढ़ावा प्रेरणा और प्रोत्साहन से दिया जाना है किन्तु हमे इन बातों का भी ध्यान रखना है कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों जैसे धारा 3(3) का अनुपालन, हिन्दी में प्राप्त पत्र का उत्तर हिन्दी में दिया जाना, कार्यालयीन कार्यों में हिन्दी में टिप्पणी किया जाना, ‘क’ क्षेत्र के लिए निर्धारित 100% हिन्दी में पत्राचार किया जाना, फाइलों का नाम द्विभाषी रूप में लिखा जाना, नामपट्ट द्विभाषी रूप में लिखा जाना, साइन बोर्ड, डिसप्ले, बैनर आदि द्विभाशी रूप में लिखे जाने का उल्लंघन न किया जाए। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बेगूसराय हिंदी के विकास और कार्यान्वयन में निरंतर योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है, और यह बैठक इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हुई।
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Author: समाचार विचार
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